नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (बैंक), भुवनेश्वर की 55वीं अर्धवार्षिक बैठक सम्पन्न

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नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (बैंक), भुवनेश्वर की 55वीं अर्धवार्षिक बैठक दिनांक 30.01.2024 को श्री दिनेश परुथी, अध्यक्ष, नराकास (बैंक) व मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक, भुवनेश्वर की अध्यक्षता एवं भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, कोलकाता के सहायक निदेशक (कार्यान्वयन) श्री निर्मल कुमार दुबे की उपस्थिति में भारतीय स्टेट बैंक, स्थानीय प्रधान कार्यालय में सम्पन्न हुआ जिसमें श्री सारदा प्रसन्न महान्ती, क्षेत्रीय  निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, श्री डॉ सुधांशु के के मिश्रा, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, श्री मनोज कुमार सिंह, उपाध्यक्ष एवं मंडल विकास अधिकारी, भारतीय स्टेट बैंक एवं भुवनेश्वर स्थित सभी सरकारी बैंकों तथा बीमा कंपनियों के  कार्यालय प्रमुख, वरिष्ठ कार्यपालक गण तथा राजभाषा अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक के प्रारंभ में भारत सरकार के प्रतिनिधि श्री निर्मल कुमार दुबे, सहायक निदेशक (कार्यान्वयन) एवं श्री सारदा प्रसन्न महान्ती, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नराकास के नए अध्यक्ष श्री दिनेश परुथी को शॉल एवं पौधा   प्रदान कर स्वागत किया गया । श्री मनोज कुमार सिंह, उपाध्यक्ष, नराकास (बैंक), भुवनेश्वर द्वारा अपने स्वागत भाषण में सभी सदस्यों  का उनके सक्रिय सहयोग के लिए सराहना की गई एवं दिनांक : 15.09.2023 को पुणे में आयोजित तृतीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में नराकास ( बैंक ), भुवनेश्वर को प्राप्त ‘नराकास राजभाषा सम्मान’ पुरस्कार की जानकारी प्रदान करते हुए सभी सदस्य कार्यालय को इसका श्रेय प्रदान किया गया । बैठक में विगत छमाही के दौरान सदस्य बैंकों में राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए आयोजित विविध हिंदी कार्यक्रमों से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

श्री निर्मल कुमार दुबे, सहायक निदेशक, गृह मंत्रालय ने अपनी समीक्षा में नराकास (बैंक) भुवनेश्वर के निष्पादन की सराहना करते हुए कहा कि यह समिति देश की उत्कृष्ट समितियों में से एक है। लगातार राष्ट्रीय स्तर पर ‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार’ प्राप्त करना गर्व एवं गौरव की बात है। इसी उत्साह और जोश को बरकरार रखते हुए सभी नए सदस्यों को सक्रिय रूप से आगे भी काम करते रहना चाहिए। अध्यक्ष, नराकास (बैंक), भुवनेश्वर श्री दिनेश परुथी महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं एवं बेहतर तथा सुरक्षित ग्राहक सेवा प्रदान करने में हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसलिए हम सभी को हिंदी में ज्यादा से ज्यादा काम करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होने डिजिटल प्लैटफ़ार्म पर हिन्दी का प्रयोग बढ़ाने के उपाय खोजने पर भी बल दिया । भारतीय रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि राजभाषा के प्रचार-प्रसार में यह समिति सराहनीय कार्य कर रही है।  हिंदी में काम करना केवल राजभाषा विभाग या राजभाषा अधिकारी का काम नहीं है बल्कि हम सभी का दायित्व है। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि ग्राहकों में वित्तीय साक्षारता एवं जागरूकता बढ़ाने के लिए नाबार्ड द्वारा हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग किया जा रहा है ।

समीक्षा बैठक में वर्ष 2023 में राजभाषा के बेहतरीन निष्पादन के लिए बैंकों एवं बीमा कंपनियों को “नराकास राजभाषा शील्ड” प्रदान किए गए। इस अवसर पर सदस्य कार्यालयों द्वारा आयोजित हिंदी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया । नराकास की वार्षिक पत्रिका ‘महानदी’ तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की पत्रिका ‘यूनियन उत्कल धारा’ का विमोचन किया गया।

 

श्री बी बी गोपाल रेड्डी, सदस्य सचिव व भारतीय स्टेट बैंक के सहायक  महाप्रबंधक (राजभाषा) ने कार्यक्रम का संचालन किया। अंत में श्री विवेक यादव, सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा), भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा धन्‍यवाद ज्ञापन के पश्चात बैठक समाप्‍त हुई।

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